IAS पूजा खेडकर पर उठे सवाल तो विकास दिव्यकीर्ति ने बताया - कैसा होता OBC-EWS आरक्षण में खेल
DELHI : विवादित आईएएस पूजा खेडकर पर यूपीएससी में फर्जी तरीके से दिव्यांगता और ओबीसी कैटेगरी से चयनित होने के आरोप लगे हैं। पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं। जब पूजा खेडकर को लेकर सवाल विकास दिव्यकीर्ति से सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुत मासुम है जिसकी बनाई पॉलिसी का लोग बेजा इस्तेमाल कर लेते हैं। आरक्षण को लेकर विकास दिव्यकीर्ति ने क्या कहा आइये समझते है
विकास दिव्यकीर्ति ने ANI न्युज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में पूजा खेडकर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया,'' मुझे नहीं लगता कि 10 या 20 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे बैकग्राउंड से आ रहे हैं, जिन्हें ईडब्ल्यूएस आरक्षण की बहुत जरूरत होती है। मैं सरकार की नीयत पर सवाल नहीं उठा रहा हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि ये लोग कैसे काम कर रहे हैं कि लोग आपकी (सरकार की) पॉलिसी का मजाक बनाकर चल रहे हैं और आपको पता ही नहीं चल रहा है।''
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, ''मैं आरक्षण के पक्ष में हूं। आरक्षण जातिगत हो, ये जरूरी है और कुछ प्रतिशत आर्थिक आधार पर भी होना जरूरी है। जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए रिजर्वेशन सिस्टम बनाया गया है, लेकिन उसमें बहुत सारी खामियां (लूप होल्स) भी हैं, जैसा कि पूजा खेडकर का मामला है।
कैसे होता है OBC-EWS आरक्षण में खेल?
विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक, OBC-EWS आरक्षण में इतने पेच हैं कि जिसे नहीं पता है, वो सुनकर दंग रह जाएगा। जहां ओबीसी में क्रीमीलेयर का कॉन्सेप्ट है तो वहीं ईडब्ल्यूएस का हाल तो ये है कि कोई भी ले सकता है।
ओबीसी आरक्षण किसे मिलेगा?
जिस अभ्यर्थी के माता-पिता की सालाना आय आठ लाख से कम है। कृषि से होने वाली कमाई नहीं गिनी जाती। माता-पिता ग्रुप सी-डी में हैं तो आय आठ लाख से ज्यादा होने पर भी आरक्षण मिलेगा।
विकास दिव्यकीर्ति बताते हैं, ''मैं कई ऐसे ओबीसी लाभ लेने वाले यूपीएससी कैंडिडेट को जानता हूं, जिनके परिवार में माता या पिता 'ए' ग्रुप की नौकरी में थे। संयोग से उनका बेटा या बेटी पढ़ने में ठीक है।'
आगे बताते हैं, ''बच्चे ने सोचा कि यूपीएससी का एग्जाम देना है और उसे भी ओबीसी आरक्षण का लाभ लेना है तो ऐसे में पिता ने अपनी नौकरी से रिजाइन कर दिया। अपनी सारी संपत्ति बेटे को गिफ्ट के तौर पर दे दी। अब न पिता के चलते 'ए' ग्रुप की जॉब पेच फंसेगा और न आठ लाख से अधिक की संपत्ति का। अब बच्चा ओबीसी आरक्षण का लाभ ले सकता है, क्योंकि आयोग माता-पिता की आय देखता है, अभ्यर्थी की इनकम नहीं।''
ईडब्ल्यूएस में किसे मिलेगा लाभ?
परिवार सालाना आय आठ लाख से कम हो। सिर्फ एक साल की आय देखी जाती है। परिवार में माता-पिता, पत्नी और 18 साल से बड़े भाई-बहन और बच्चे। मकान 1000 फीट से ज्यादा बड़ा न हो। फ्लैट नोटिफाई 100 गज और अन-नोटिफाई 200 गज से ऊपर न हो।
विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भी जमकर खेल हो रहा है। EWS आरक्षण के लिए पूरे परिवार की सिर्फ एक साल की आय देखी जाती है। मैं ऐसे कई परिवारों को जानता हूं, जिन्होंने 4.9 एकड़ से ऊपर की जमीन बेच दी। फ्लैट की रजिस्ट्री कम फीट दिखाकर करा दी।
अगर माता-पिता दोनों कमाते हैं तो एक व्यक्ति एक साल के लिए बिना वेतन के छुट्टी पर चला जाता है। इस तरह जब भी EWS का कोटा लेना हो बस उससे एक साल पीछे की इनकम आठ लाख से कम कर लेते हैं।
कौन हैं पूजा खेडकर?
पूजा खेडकर 2023 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने लोकसेवा आयोग परीक्षा (UPSC)में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी। पूजा खेडकर पर यूपीएससी में दिव्यांगता और ओबीसी कैटेगरी का गलत फायदा लेने के आरोप लगे हैं। पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं ।
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