फुटबाल विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल है, विश्व की ज्यादातर आबादी इस खेल को खेलना और देखना पसंद करती है, भारत मे क्रिकेट की लोकप्रियता फुटबाल से ज्यादा है, फिर भी कतर मे होने वाले विश्व कप के उद्घाटन मे संतोषजनक संख्या मे भारतीय दर्शक भी उपस्थित हुए थे,
भारत सरकार के अधिकारिक प्रतिनिधि के रूप मे उपराष्ट्रपति माननीय श्री जगदीप धनकर जी भी वहा मौजूद थे, जबकि भारत की टीम फुटबाल का विश्व कप नही खेलती है, तो फिर समस्या क्या है, क्यो इस विश्व कप को इस्लामिक विश्व कप बोला जा रहा है, आईये नजर डालते है कारणो पर,
1- कतर एक खाङी देश है, जिसकी छवि सदैव इस्लामिक धार्मिक कट्टरवाद को समर्थन करने वाले देश की रही है, नूपुर शर्मा के विवाद के समय कतर सरकार ने भारत के उच्चायुक्त को बुलाकर सफाई मागी थी, जो वहा की धार्मिक कट्टरता को बताने के लिये पर्याप्त है।
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2 - दूसरा सबसे बङा कारण है इन आयोजन का खुनी इतिहास, world cup के लिये stadium बनाते समय कतर मे हजारो प्रवासी मजदूरो की मृत्यु हो गयी, जिसमे से ज्यादातर दक्षिण एशियाई यानी भारत और पाकिस्तान जैसे देशी के मजदूर थे, इससे बङी विडम्बना क्या होगी, कि भारत पाकिस्तान के मृतका के लिये आवाज पश्चमी देश उठा रहे है, वजह चाहे जो भी हो, पश्चिमी देशो का इस विश्व कप का #boycott करना उचित ही लगता है।
3 - फुट बाल विश्व कप सिर्फ अपने खेल के लिये नही बल्कि अपने भव्य आयोजन संगीत चीयरलीडर्स, पार्टियो के लिये भी मशहूर है
ये है 2014 के विश्व कप के थीम साग की एक झलक, अफ्रीका जैसे देश मे होने वाले विश्व कप का थीम साग कितना आधुनिक लग रहा है, अब देखिये इस तस्वीर को
इस तस्वीर को देखकर आपको क्या लग रहा है, आप मानो या न मानो, ये 2022 विश्व के थीम साग की cover photo है। हो गये न हैरान। जिस आयोजन का खुद का थीम साग होता था, उसमे बीयर, चीयर लीडर जैसी चीजो पर भी प्रतिबन्ध लग जाये तो आजीब तो लगेगा ही। और थीम साग जिसमे फुटबाल की energy दिखनी चाहिये, वहा हिजाब धारी खातून दिखाई दे रही है।
4 - विश्व कप के इतिहास मे पहली बार स्टेडियम मे प्रार्थना कक्ष बनाये गये है, इससे पहले किसी भी खेल आयोजन मे इस प्रकार की व्यवस्था देखने को नही मिली है, पूरी दुनिया कतर के इस कदम से हैरान है, आखिर खेल के मैदान मे प्रार्थना के कमरे का क्या काम।
खेल ऐसा आयोजन है जो पूरी दुनिया को एक दूसरे से जोङता है, पर कतर का कदम फुटबाल विश्व कप को विश्व मुस्लिम सम्मेलन की छवि दे रहा है , इसके पीछे कतर का लक्ष्य चाहे जो भी हो, पर ऐसी कट्टरपन्थी सोच खेल भावना के लिये नुकसान दायक ही साबित होगी।
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