Person with disability quota UPSC का नया shortcut
शारीरिक या मानसिक विकलांगता एक ऐसा अभिशाप है जिसका दंश पीडित जीवन भर झेलता है, मानव शरीर के किसी भी अगर का ठीक से काम न करना एक ऐसी कमी है जो जीवन भर पूरी नही की जा सकती, इसी तथ्य को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार ने सरकारी नौकरिया मे person with disability का आरक्षण दिया, लेकिन कुछ रसूखदारो ने इस आरक्षण को हसने का विषय बना दिया है
Locomotive disorder से ग्रसित नाचता गाता दिव्याग
पहले पूजा खेङकर के दिव्याग आरक्षण और उसके बाद heroines के साथ कमर मटकाना वाले ड्रामेबाज IAS अभिषेक सिह ने upsc की चयन प्रक्रिया के दौरान बरती जाने वाली पारदर्शिता पर सवाल खडे कर दिये है, इस अधिकारी की नाचती वीडियोज ने बवाल कर दिया है कि आखिर Locomotive disability से चयनित व्यक्ति ऐसा डान्स कैसे कर सकता है, और अगर इसकी बीमारी ठीक होने होने लायक थी, तो UPSC ने इनको pwd मे चयनित कैसे कर लिया,
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शक्ल सुरत मे औसत से भी कम दिखने वाले इस अधिकारी का पूरा नचैय्या गवैय्या का कैरियर ही इनकी IAS officer की पहचान के आस पास था, वर्ना इनको कोई पूछता भी नही, न ये शक्ल मे कुछ खास है और न ही अभिनय मे,नृत्य भी इनका औसत दर्जे का है , इनको इस सच्चाई से शायद अब तक किसी ने अवगत नही करवाया था, कि अगर ये IAS अभिषेक नही होता तो ये सेट मे पानी भरने का काम भी नही पाता
कमजोर दृष्टि व अवसाद से ग्रसित दिव्याग पूजा खेङकर
खैर बात करते है महारानी पूजा खेङकर पर, जो पेशे से एक चिकित्सक है, पर doctor बनने के बाद उन्हे इतनी सारी बीमारिया कैसे हो गयी ये सोचने का विषय है। कोचिंग संस्थान के कार्यक्रम मे टिप टाप बनकर जाने वाली इन मोहतरमा ने अचानक से चश्मा पहन लिया , और कानून का हवाला देकर सवाल से बच रही है, ये मोहतरमा बतायेगा कि अपने से वरिष्ठ अधिकारी पर रौब झांङते समय इनका ये ज्ञान क्या Audi की बैक सीट पर रखा था, जिसे ये चलाती थी,
वो कहावत है कि "ऊपर वाले के घर मे देर है पर अधेर नही" इन मोहतरमा की वजह से बहुत से धोखेबाज और जालसाज अधिकारी जनता के निशाने पर आ गये है,
कोचिंग संस्थान देर सवेर प्रतियोगियो का ही साथ देगे क्योकि उनका धंधा प्रतियोगियो से चलता है न कि चयनित लोगो से, और अगर परीक्षर्थियो का #upsc से मोह भंग हो गया तो इनका तो पूरा भौकाल ही मिट्टी मे मिल जायेगा।
पर सवाल ये उठता है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मे ये धांधली कबसे चल रही है, और कितने अधिकारी है जिन्होने इस तरह से अनुचित तौर पर नियुक्ती पायी है, और इस धांधली की जाए कितनी गहरी है प्रशासन मे।
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