श्रद्धा मर्डर केस (mehrauli murder case)
प्यार और जंग मे सबकुछ जायज है, इस कहावत को लिखने वाले को भी कहा पता होगा कि एक समय ऐसा आयेगा कि रिश्ते मे प्यार है या जंग, ये पता लगाना ही मुश्किल हो जायेगा, ऐसा ही कुछ ही हुआ है इस चर्चित केस मे -
क्या है दिल्ली मर्डर केस
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shraddha aftab case |
दिल्ली का श्रद्धा मर्डर केस एक ऐसा केस है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है, सब हैरान है कि कैसे कोई इन्सान इतना शातिर हो और इतना बङा हैवान हो सकता है,
आफताब ने कभी जिसके साथ जीने मरनै की कसमे खायी थी, उसी का कातिल कैसे बन गया, आखिर क्या हुआ इन प्यार करने वालो के बीच जो मरने कै बाद श्रद्धा को अतिम संस्कार तक नसीब नही हुआ।
आफताब और श्रद्धा की धर्म और पिछली जिन्दगी
श्रद्धा का जन्म एक दलित हिन्दु परिवार मे हुआ था, तथा आफताब का मुस्लिम परिवार मे, हम यहा पर धर्म की चर्चा इसलिये कर रहे है क्योकि अगर धर्म उल्टे होते, मतलब मरने वाली मुस्लिम होती और मारने वाला हिन्दु या फिर मरने वाली दलित ही रहती पर मारने वाला सवर्ण होता तो अभी तक बुद्धिजीवियो का विधवा विलाप चालु हो चुका होता, मायावती, अखिलेश यादव, लालु यादव जैसे जातिवादी नेता और भीम आर्मी जैसी मौकापरस्त पार्टी सङको पर आ चुकी होती, पर चुकि मारने वाला मुस्लिम है इसलिये सब चुप है।
मुलाकात कैसे हुई
दोनो किसी डेटिग एप के माध्यम से मिले थे, मिलने के बाद दोनो मे प्यार पनपा और इस कदर पनपा कि श्रद्धा ने अपने परिवार वालो से बगावत कर दी और आफताब कै साथ रहे लगी।
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shraddha murder case |
And they lived happily ever after सिर्फ फिल्मी दुनिया मे होता है, वास्तविकता उसके बिल्कुल विपरीत होती है, जब दो लोग साथ रहने लगते है तो उन्ह एक दूसरे कि अच्छाई बुराई करीब से देखने और समझने को मिलती है, और जरूरी नही है कि करीब से कोई इन्सान वैसा ही निकले जैसा हमने सोचा था। आफताब और श्रद्धा के केस मे यही हुआ, करीब से जानने पर दोनो एक दूसरे की उम्मीद से विपरीत निकले, नतीजा दोनो मे छोटी छोटी बातो को लेकर लङाईया होने लगी। कई बार तो नौबत मारपीट की भी आ जाती थी, जिसका सबुत है हाल ही मे सामने आयी श्रद्धा की तस्वीरे जिसमे वो बुरी तरह से जख्मी दिख रही है।
लव जिहाद का एगल
इस केस को लोग लव जिहाद से भी जोङ कर देख रहे है क्योकि लङकी हिनुदु थी व लङका मुस्लिम। विगौ वर्षो मे हिन्दु मुस्लिम की प्रेम कहानी मे लव जिहाद का मुद्दा अधिकतर सामने आया है, और ऐसे केसो मे अकसर हिन्दु लङकाया मारी जाती है, पर इसके कोई पुख्ता सबुत नही है कि आफताब श्रद्धा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था।
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