ज्योतिर्दित्य सिंधिया का पुश्तैनी निवास दिखता है ऐसा
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ग्वालियर किला (Gwalior Fort) मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है और यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह किला ग्वालियर शहर के ऊपरी हिल्स पर स्थित है और ग्वालियर के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
ग्वालियर किला एक प्राचीन और प्रतिभाग्यपूर्ण दुर्ग है, जिसे महाराजा मानसिंह तोमर द्वारा बनवाया गया था। इस किले की विशेषता उसकी शृंगारिक और संगीतिक सुंदरता है, जो इसे एक शिल्पकला का करार देती है।
किले की ऊंचाई और उसकी प्राचीन संरचनाएँ आपको अद्वितीय दृश्यावलियों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करती हैं। ग्वालियर किले में कई मंदिर, बावड़ी, गुफाएँ, और पैलेस हैं, जिनमें गुज़रे काल के शासकों की विशाल राजसी और आर्किटेक्चरल धरोहर प्रकट होती है।
ग्वालियर किले का दरवाजा जिसे "हिरान का दरवाजा" भी कहा जाता है, विशेष रूप से प्रसिद्ध है क्योंकि यह बहुत ही अद्वितीय गुफाओं और ग्रानिट के भवनों के साथ आता है जो इसके पास स्थित हैं।
ग्वालियर किला भारतीय इतिहास और संस्कृति का अहम हिस्सा है और यह पर्यटन स्थल के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जिसे दर्शनीयता, इतिहास, और शिल्पकला की दृष्टि से देखा जा सकता है।
ग्वालियर किला (Gwalior Fort) मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख इतिहासिक और पर्यटन स्थल है। यह किला ग्वालियर शहर के केंद्र में स्थित है और यह एक प्रमुख किला है जो भारत के सात वांछनीय किलों में से एक माना जाता है
ग्वालियर किला का निर्माण 8वीं से 15वीं सदी के बीच किया गया था और इसे तम्बोलियों द्वारा बनाया गया था। इस किले का निर्माण पाथियों से किया गया है और इसके परिधि पर विशाल दीवारें हैं।
ग्वालियर किला का सबसे प्रसिद्ध हिस्सा मान सिंह पल में स्थित है, जिसमें सास बहू के किस्से के आधार पर बने छज्जे और बालकी में बने झूले विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, ग्वालियर किला के अंदर संत तुलसीदास का धर्मशाला, मानसिंह पाल के दरबार, और जैन मंदिर जैसे धार्मिक स्थल हैं।
ग्वालियर किला का दर्शन करने से आप इसके ऐतिहासिक महत्व को समझ सकते हैं और इसकी सुंदर व्यापारिक और सांस्कृतिक धरोहर का आनंद ले सकते हैं।
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