IAS Pooja Khedkar : Upsc की डेड लाईन के बाद भी LBsnaa नही पहुची पूजा, माता पिता के तलाक के दावो की जाच शुरू
पूजा खेडकर ने अलग-अलग अकादमियों को दिए मॉक इंटरव्यू में बताया था कि उनके माता-पिता अलग हो गए थे. कुछ इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे तलाकशुदा हैं. पुणे पुलिस इन तमाम दावों की जांच शुरू करेगी.
महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. फर्जी दस्तावेजों से सेलेक्शन पाने का विवाद चल ही रहा था कि इसी बीच खबर आई है कि पूजा खेडकर मंगलवार को भी उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) नहीं पहुंचीं. पूजा खेडकर को मंगलवार तक LBSNAA में रिपोर्ट करने का वक्त दिया गया था.सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूजा खेडकर एकेडमी में वापस नहीं लौटी हैं और उन्होंने कोई आधिकारिक पत्र भी नहीं दिया है.
इधर, पुणे पुलिस ने पूजा खेडकर से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्हें भी पूजा का कुछ पता नहीं चला.पूजा खेडकर ने अलग-अलग अकादमियों को दिए मॉक इंटरव्यू में बताया था कि उनके माता-पिता अलग हो गए थे. कुछ इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे तलाकशुदा हैं. इस आधार पर उन्होंने पात्र ओबीसी सर्टिफिकेट का भी दावा किया. हालांकि, लोकसभा चुनाव लड़ने के समय पूजा के पिता द्वारा दिए गए हलफनामे में तलाक का कोई जिक्र नहीं था.
संयुक्त पुलिस आयुक्त रंजन कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली से इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद यह कार्रवाई शुरू की जाएगी. शर्मा ने इंडिया टुडे को बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने पूजा खेडकर के माता-पिता की स्थिति के बारे में जानकारी लेने को कहा है. हम आगे की जांच कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति लगभग 40 करोड़ घोषित की थी.
बता दें कि पूजा के विवादों में घिरने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. इसके अलावा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि आखिर सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए.खेडकर पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और दिव्यांगता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
यूपीएससी की ओर से कहा गया था कि पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई है. इसमें पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया था. उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी. इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी थी. उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले. इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला. गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला.'
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