दिल्ली मेट्रो की फुहङ लङकी- सोशल मीडिया सनसनी या मानसिक रूग्णता
आज कल दिल्ली मेट्रो मे सफर करने वाली एक फुहङ लङकी अपनी ऊर्जा जावेद जैसी वाहियात वेश भाषा के लिये पुरे सोशल मीडिया मे छायी हुई है, उसकी देखकर यकीन नही होगा कि क्या कोई ऐसे भी सार्वजनिक स्थलो पर जा सकता है, सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल कर सकता है। भारत जिसके लोग अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा पूरे विश्व मे मनवा रहा है वहा मुर्खो की भी कमी नही है, तभी तो ऊर्जा जावेद के बाद ये मोहतरमा मशहूर हो गयी है और हर कोई इनको Instagram पर फालो कर रहा है।
ऐसे कपडे क्यो
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Rhythm chanana |
उस लङकी को जो चाहिये था, वो उसको मिल गया, फ्री की पब्लिसिटी, आज की पीढी इतनी नकारा है कि वो अदनान और फैज़ु जैसो को रोल माडल मानती है, लेकिन वाकई कुछ करने वालो को कोई नही जानता, सब कुछ बिना मेहनत पाने की चाह का नतीजा है ये सब कुछ।अगर देखा जाये तो वो लङकी अपने मकसद मे कामयाब हो गयी है, आज हर कोई एक ऐसी लङकी की बात कर रहा है जिसकी उपलब्धि फुहङ कपडे पहनना है।
कानूनी नजरिया
कानून इस मामले मे कोई स्पष्ट बात नही बोलता है, शायद कानून बनाने वालो ने सोचा भी नही होगा कि भारत जैसे देश मे कभी ऐसी स्थिति भी उत्पन्न होगी ।
हमारा रूख
एक जिम्मेदार समाज के रूप मे उस लङकी पर इतना ध्यान नही दिया जाना चाहिये था, क्योकि उसके interview मे भले वो ये बोले कि ये सब उसने फेम के लिये नही किया है पर उसके social media page से उसकी महत्वाकांक्षा साफ दिख रही है। उस लङकी पर ध्यान नही दिया जाना चाहिये था।
मेट्रो ही क्यो
बहुत से लोग मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे है, पर मेरा ओपिनियन अलग है, मेट्रो का सफर सुरक्षित है, वो खुद भी जानती होगी, अगर उसको अधनंगा घूमना इतना ही पसंद है तो जो एरिया cctv की निगरानी मे नही है, वहा ऐसे जाकर दिखाये, उसके सारे वीडियो मेट्रो से ही क्यो आ रहे है। क्योकि कही न कही वो भी जानती है कि मेट्रो की सिक्योरिटी की वजह से, वो सरकार की निगरानी मे है और सुरक्षित है।
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