आदिपुरूष movie review
आज ओम राऊत की बहु प्रशिक्षित फिल्म आदि पुरुष रिलीज हो गयी और रिलीज के साथ ही इस फिल्म को दर्शको के गुस्से का सामना करना पङ रहा है, फिल्म अपने dialogue, screenplay जैसी कई बातो की वजह से दर्शको के निशाने पर है,
कुछ वर्ष पहले एकता कपूर ने महाभारत बनाने का प्रयास किया था, ये फिल्म भी उसी प्रकार का प्रयास है,
रामायण से रामायण की आत्मा ही गायब लग रही है, इससे कही बेहतर रामायण तो सुरज बड़जात्या की फिल्म हम साथ साथ है लगी थी,
तेरी बुआ का बगीचा है जो घुमने आ गया जैसे स्तरहीन dialogs फिल्म के dialogue writer मनोज मुन्तजिर की योग्यता पर सवाल उठाते है, "तेरी मिट्टी " जैसे बेहतरीन गीत के बाद रामायण जैसी महागाथा का इस्लामीकरण होता प्रतीत हो रहा है, जो की बालीवुड की पुरानी परम्परा रहा है,
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